ग्राउंड रिपोर्ट : दिल्ली सरकार एक लाख बेघरों और गरीबों को खाना खिलाने की कर रही तैयारी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन किया गया है. हालांकि इस लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार मजदूरों, गरीबों और बेसहारा लोगों पर पड़ रही है. इन लोगों के लिए दो वक्त का खाना भी दूभर हो गया है. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और दूसरे राज्यों से मजदूर लगातार पलायन करके उत्तर प्रदेश और बिहार वापस भाग रहे हैं. ये मजदूर भूखे पेट 3 से 4 दिन की यात्रा करने को मजबूर हैं. दिल्ली के धौलाकुआं पर ऐसे ही मजदूरों ने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि कैसे उनको लॉकडाउन के बाद गुरुग्राम से हापुड़ की यात्रा पैदल शुरू करनी पड़ी. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 3 दिनों से अनाज का एक दाना भी पेट में नहीं गया है, रामकिशोर ऐसे ही मजदूरों में से एक हैं, जो हापड में अपने गांव जा रहे हैं. उनका कहना है कि पैरों में छाले पड़ गए हैं और तीन दिन से खाना तक नहीं मिला है. घर वापस जाने के लिए साधन नहीं है, इसलिए पैदल ही रास्ता तय करना पड़ रहा है. गरीबों को भरपेट खाना खिलाने को सरकार ने कसी कमरः वहीं, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले ऐसे ही बेसहारा और बेघरों को भरपेट खाना खिलाने की तैयारी की है. और गरीबों को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि अगर कहीं कोई भूखा नजर आए, तो उसे नजदीकी शेल्टर होम में पहुंचाएं. लॉकडाउन के बाद दिल्ली सरकार के नाइट सेंटरों में आने वालों की संख्या भी बढ़ गई है. दिल्ली अर्बन शेल्टर बोर्ड के सदस्य विपिन राय का कहना है कि अब इन सेंटरों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को खाना परोसा जा रहा है. आजतक ने दिल्ली के निजामुद्दीन मे ड्यूसिब के ऐसे ही एक नाइट शेल्टर का जायजा लिया, जहां गरीबों के खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. जयपुर से मध्य प्रदेश लौट रहे रवि को 3 दिन बाद मिला खानाः शेल्टर पर जयपुर से आए रवि कुमार ने अपनी कहानी बयां करते हुए कहा कि कैसे पिछले 3 दिनों से वो राजस्थान से पैदल चलकर आ रहे आगे उनको मध्य प्रदेश जाना है. रवि कुमार का कहना है कि 3 दिनों के बाद गुरुवार दिल्ली में भोजन नसीब हुआ. कोरोना कमांडोज का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शक्रिया कहें: दिल्ली सरकार के शहरी बोर्ड के सदस्य विपिन राय का कहना है कि अगर हालात और गंभीर होते हैं, तो सरकार एक लाख लोगों को मुफ्त खाना खिलाने की योजना बना रही है. साथ ही इसके लिए तैयारी भी की जा रही है. इसके लिए शहरी बोर्ड के अलावा डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम को भी तैयार किया गया है. दिल्ली सरकार के शेल्टर होम में कैसा मिलता है खाना?: विपिन राय ने बताया कि दिल्ली सरकार मिड-डे मील बनाने वाली संस्थाओं को भी इस मुहिम से जुड़ने की तैयारी कर रही है. आजतक ने इन शेल्टर होम में मिलने वाले खाने का भी जायजा लिया. तो पता चला कि यहां सहारा लेने वाले लोगों को भरपेट खाना दिया जा रहा है. खाने का स्वाद भी अच्छा है और गरीबों को मिलने वाला यह खाना हर कोई खा सकता है. शहरी शेल्टर बोर्ड के सदस्य भी यही खाना खाते देखे गए हैं. शेल्टर होम में लोगों को खाना खिलाने वाले कर्मचारी भी कहते हैं कि इस आपदा के दौरान इंसानियत का परिचय देना जरूरी है. चाहे जितने भी लोग आ जाएं, हम हर किसी को खाना भरपेट खिला रहे हैं।